गायत्री शक्तिपीठ सहरसा के द्वारा गायत्री गीतमाला भाग 12 की शूटिंग पिछले तीन दिनों से जो चल रही थी आज संपन्न हुई । शूटिंग नया बाजार, जयप्रकाश उद्यान ,गायत्री शक्तिपीठ सहरसा के परिसर में संपन्न हुई ।12वीं सीरीज में 11 प्रज्ञा गीतों में ऐसे भजन है जो हमें श्रद्धा भक्ति के भाव से उत्प्रोत तो करते ही हैं साथ ही समर्पण और सुमिरन की ऊर्जा को भी प्रदान करते हैं । मां तेरे चरणों में हम शीश झुकाते हैं श्रद्धा पूरित होकर दो अश्रु चढ़ाते हैं ,डाल नजर माना इंसानियत कितनी बुराइयां है, श्री राम जी का कीर्तन हम रोज गाएंगे आवागमन के चक्र से हम छूट जाएंगे , एक दिन ही जी मगर इंसान बनकर जी, करते जो सहकार सफलता उनके चेरी है। इसके अलावा संस्कृत में गायत्री अष्टकम और गुरु अष्टकम का भी निर्माण हुआ है जिसको स्वर दिया श्रीमती अभिनव शेट्टी जायसवाल ने एवं अन्य गीतों को स्वर दिया डॉ अरुण कुमार जायसवाल, कृतिका गौतम, पूनम एवं प्रखर ने। नवरात्रि में इस म्यूजिक एल्बम के रिलीज होने की उम्मीद है। फिल्मांकन में प्रेम शंकर भगत मॉडर्न वीडियो मिक्सिंग लैब के कैमरामैन रोशन कुमार, आनंद झा, गोलू कुमार। पूर्णिया से आए अमोल कुमार, गोविंद जी, सूरज की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही। शूटिंग में स्वरांजलि की छात्राओं और गायत्री शक्तिपीठ के युवा मंडल – युवती मंडल ने हिस्सा लिया। स्वरांजलि की निर्देशिका प्रोफेसर भारती गौतम ने सभी गीतों की कोरियोग्राफी करवाई। शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में अब तक 100 से अधिक प्रज्ञा गीतों का लेखन कर स्वरबद्ध किया जा चुका है और सबका शूटिंग भी किया जा चुका है ,इसमें सभी स्थानीय कलाकारों ने हिस्सा लिया। यह सारे गीत हमारे अंदर प्रज्ञा अर्थात विवेक को जगाते हैं। गीत का लेखन डॉक्टर लीना सिंहा और शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से किया गया।

गायत्री शक्तिपीठ सहरसा के द्वारा गायत्री गीतमाला भाग 12 की शूटिंग पिछले तीन दिनों से जो चल रही थी आज संपन्न हुई । शूटिंग नया बाजार, जयप्रकाश उद्यान ,गायत्री शक्तिपीठ सहरसा के परिसर में संपन्न हुई ।12वीं सीरीज में 11 प्रज्ञा गीतों में ऐसे भजन है जो हमें श्रद्धा भक्ति के भाव से उत्प्रोत तो करते ही हैं साथ ही समर्पण और सुमिरन की ऊर्जा को भी प्रदान करते हैं । मां तेरे चरणों में हम शीश झुकाते हैं श्रद्धा पूरित होकर दो अश्रु चढ़ाते हैं ,डाल नजर माना इंसानियत कितनी बुराइयां है, श्री राम जी का कीर्तन हम रोज गाएंगे आवागमन के चक्र से हम छूट जाएंगे , एक दिन ही जी मगर इंसान बनकर जी, करते जो सहकार सफलता उनके चेरी है। इसके अलावा संस्कृत में गायत्री अष्टकम और गुरु अष्टकम का भी निर्माण हुआ है जिसको स्वर दिया श्रीमती अभिनव शेट्टी जायसवाल ने एवं अन्य गीतों को स्वर दिया डॉ अरुण कुमार जायसवाल, कृतिका गौतम, पूनम एवं प्रखर ने। नवरात्रि में इस म्यूजिक एल्बम के रिलीज होने की उम्मीद है। फिल्मांकन में प्रेम शंकर भगत मॉडर्न वीडियो मिक्सिंग लैब के कैमरामैन रोशन कुमार, आनंद झा, गोलू कुमार। पूर्णिया से आए अमोल कुमार, गोविंद जी, सूरज की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही। शूटिंग में स्वरांजलि की छात्राओं और गायत्री शक्तिपीठ के युवा मंडल – युवती मंडल ने हिस्सा लिया। स्वरांजलि की निर्देशिका प्रोफेसर भारती गौतम ने सभी गीतों की कोरियोग्राफी करवाई। शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में अब तक 100 से अधिक प्रज्ञा गीतों का लेखन कर स्वरबद्ध किया जा चुका है और सबका शूटिंग भी किया जा चुका है ,इसमें सभी स्थानीय कलाकारों ने हिस्सा लिया। यह सारे गीत हमारे अंदर प्रज्ञा अर्थात विवेक को जगाते हैं। गीत का लेखन डॉक्टर लीना सिंहा और शांतिकुंज हरिद्वार की ओर से किया गया।