मशहूर पार्श्व गायक पद्मश्री और पद्म विभूषण से नवाजे गए श्री उदित नारायण जी गायत्री शक्तिपीठ सहरसा में रात्रि विश्राम किये । 21.02.2025 को प्रगेश्वर महादेव का अभिषेक किया और मां गायत्री की पूरे भक्ति भाव से , पूरी श्रद्धा के साथ पूजन किया । नया बाजार , सहरसा स्थित श्री अरुण कुमार जायसवाल जी के यहाँ नाश्ता और भोजन किया । उन्होंने कहा कि जब मेरा जन्म हुआ था तो बायसी , सहरसा जिले के अंतर्गत आता था । 1991 में बायसी , सुपौल जिले का हिस्सा हो गया । सहरसा जिले की मिट्टी की खुशबू हमें बहुत ही भाव विभोर कर रही है , हम बहुत आह्लादित हैं । बहुत दिनों बाद सहरसा की धरती पर आना मेरे मन को बहुत गहराई तक छू गया । इस धरती को प्रणाम , बारम्बार प्रणाम । श्री अरुण कुमार जायसवाल जी ने कहा इस कोशी के लाल ने जिसे सभी छोरा कोसी किनारे वाला कहते हैं , सचमुच सिर्फ कोशी क्षेत्र का ही नहीं , पूरे बिहार राज्य का , पूरे भारत देश का नाम पूरी दुनिया मे रोशन किया , हम इनके स्वस्थ जीवन , दीर्घायु जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं । श्री जायसवाल जी ने अपनी पुस्तक वैदिक संस्कृति के विविध आयाम और जीवन गीता उन्हें भेंट की ।

मशहूर पार्श्व गायक पद्मश्री और पद्म विभूषण से नवाजे गए श्री उदित नारायण जी गायत्री शक्तिपीठ सहरसा में रात्रि विश्राम किये । 21.02.2025 को प्रगेश्वर महादेव का अभिषेक किया और मां गायत्री की पूरे भक्ति भाव से , पूरी श्रद्धा के साथ पूजन किया । नया बाजार , सहरसा स्थित श्री अरुण कुमार जायसवाल जी के यहाँ नाश्ता और भोजन किया । उन्होंने कहा कि जब मेरा जन्म हुआ था तो बायसी , सहरसा जिले के अंतर्गत आता था । 1991 में बायसी , सुपौल जिले का हिस्सा हो गया । सहरसा जिले की मिट्टी की खुशबू हमें बहुत ही भाव विभोर कर रही है , हम बहुत आह्लादित हैं । बहुत दिनों बाद सहरसा की धरती पर आना मेरे मन को बहुत गहराई तक छू गया । इस धरती को प्रणाम , बारम्बार प्रणाम । श्री अरुण कुमार जायसवाल जी ने कहा इस कोशी के लाल ने जिसे सभी छोरा कोसी किनारे वाला कहते हैं , सचमुच सिर्फ कोशी क्षेत्र का ही नहीं , पूरे बिहार राज्य का , पूरे भारत देश का नाम पूरी दुनिया मे रोशन किया , हम इनके स्वस्थ जीवन , दीर्घायु जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं । श्री जायसवाल जी ने अपनी पुस्तक वैदिक संस्कृति के विविध आयाम और जीवन गीता उन्हें भेंट की ।

गायत्री शक्तिपीठ , सहरसा